
मक्का में गुणसूत्रों की संख्या – 10
मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) में विश्व में क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रथम पांच राष्ट्र में संयुक्त राज्य अमेरिका चीन ब्राज़ील भारत और मैक्सिको आते हैं। विश्व में उत्पादन की दृष्टि से प्रथम 3 राष्ट्रों में अमेरिका चीन और ब्राजील आते हैं। मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) मुख्य रूप से तीन उद्देश्यों के लिए की जाती है, जिसमें से पहले दाने के लिए दूसरा चारा के लिए और तीसरा भुट्टे के लिए की जाती है। मक्का के दानो में 10% प्रोटीन पाई जाती है। मक्का में ZEIN नामक प्रोटीन पाया जाता है। मक्का का उद्भव स्थान मध्य अमेरिका और मेक्सिको है।
मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) के लिए उन्नातिशील किस्मे
संकर मक्का के लिए – गंगा सफेद ट 2, गंगा 5, गंगा सागर, गंगा 11, हिमालय 103
संकुल मक्का के लिए – तरुण, नवीन, कंचन, श्वेता, विजय, प्रोटीना, शक्ति, किसान, मेघा, जवाहर, मंजरी, विक्रम, प्रताप
देसी उन्नतशील प्रजातियां – मेरठ पीली, जौनपुरी सफेद, टाइप 41
मक्का की फसल (Makka Ki Fasal) की बुबाई
मक्का की बुवाई के लिए जून का प्रथम सप्ताह सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय हम अपने खेत में मक्का की बुवाई कर सकते हैं। इसमें पौधे से पौधे की दूरी 60 से 20 सेंटीमीटर रख सकते हैं। और वही हमें मक्का की बुवाई के लिए 20 से 25 किलोग्राम संकर प्रजाति के बीजों की प्रति हेक्टेयर की दर से जरूरत पड़ती है। संकुल प्रजाति की मक्का की बुवाई कर रहे हैं तो वही हमें 18 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बीच की आवश्यकता होती है।
मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) के लिए खाद और उर्वरक
मक्का की फसल के लिए खाद और उर्वरक काफी मायने रखती है। इसलिए संकर मक्का में 120 किलोग्राम नाइट्रोजन 60 किलोग्राम फास्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश की मात्रा देनी चाहिए। और संकुल मक्का के लिए 100 किलोग्राम नाइट्रोजन 40 किलोग्राम फास्फोरस 30 किलोग्राम पोटाश और देसी मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) के लिए 80 किलोग्राम नाइट्रोजन 40 किलोग्राम पोटाश 40 किलोग्राम फास्फोरस की प्रति हेक्टेयर की दर से आवश्यकता पड़ती है।
मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) के लिए मृदा
मक्का की फसल के लिए उपजाऊ दोमट मृदा काफी अच्छी मानी जाती है। और यदि उस जगह पर 30 – 70 सेंटीमीटर तक की बरसात होती है, तो वहां पर मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) सफलतापूर्वक की जा सकती है। मक्का की फसल के लिए तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस का सामान्य माना जाता है। और उस क्षेत्र में आद्रता 60 से 70% तक होनी चाहिए ऐसे स्थान पर हम मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) आसानी से कर सकते हैं। और हमें इस फसल से काफी अच्छी उपज मिल सकती है।
यहे भी पढ़े – गेहूं की खेती
इसलिए फसल की बुवाई करने से पहले वहां की मृदा और वहां के तापमान वायु की जांच कर लेनी चाहिए यदि हमारी मृदा में किसी प्रकार की कोई कमी है तो हमें अपने नजदीकी मृदा सहायता केंद्र पर जाकर वहां उपस्थित डॉक्टरों के द्वारा अपनी मृदा की जांच करा लेनी चाहिए। जिससे कि हमें पता चल जाएगा कि हमारी मृदा में किन किन पोषक तत्वों की कमी है। उसमें कितनी खाद देनी पड़ेगी फसल की बुवाई करने से पहले खेत की जुताई निराई गुड़ाई अच्छे से कर लेनी चाहिए। उसमें किसी प्रकार का कोई खरपतवार नहीं होना चाहिए नहीं तो उससे हमारी फसल पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
उपज –
मक्का की फसल (Makka Ki Fasal) से हमें उपज दाना 30 से 40 कुंतल प्रति हेक्टेयर संकुल और देसी मक्का की प्रजाति से 20 से 25 कुंतल प्रति हेक्टेयर की दर से उपज प्राप्त होती है।